हिंदू कैलेंडर का दूसरा माह वैशाख प्रारंभ हो चुका है और अंग्रेजी कैलेंडर का 5वां माह मई शुरू होने वाला है. इन दोनों माह का पहला प्रदोष व्रत वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाएगा. मई का पहला प्रदोष व्रत रविवार के दिन पड़ रहा है, इसलिए उसे रवि प्रदोष व्रत भी कहा जाएगा. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट का कहना है कि मई के रवि प्रदोष व्रत वाले दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है और उस दिन रुद्राभिषेक के लिए शिववास भी है. आइए जानते हैं रवि प्रदोष व्रत के पूजा मुहूर्त, सर्वार्थ सिद्धि योग के बारे में.
कब है मई का पहला प्रदोष व्रत?
वैदिक पंचांग के अनुसार, 5 मई रविवार को शाम 05 बजकर 41 मिनट से वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि शुरू हो जाएगी. यह तिथि 6 मई सोमवार को दोपहर 02 बजकर 40 मिनट तक मान्य है. प्रदोष व्रत के पूजा मुहूर्त के आधार पर मई का पहला प्रदोष व्रत या रवि प्रदोष व्रत 5 मई को रखा जाएगा.
ये भी पढ़ें: 66 दिनों तक मेष में अस्त रहेगा शुक्र, 5 राशिवालों को हो सकती है धन हानि, आर्थिक तंगी से होंगे परेशान!
प्रदोष व्रत का पूजा मुहूर्त?
5 मई को प्रदोष व्रत वाले दिन भगवान शिव की पूजा का शुभ समय शाम 06 बजकर 59 मिनट से रात 09 बजकर 06 मिनट तक है. इस समय में ही आपको भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए.
सर्वार्थ सिद्धि योग में होगी शिव पूजा
रवि प्रदोष व्रत की पूजा के शुरूआती समय में 58 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगा. इस योग में आप पूजा पाठ करते हैं तो आपकी मनोकामनाएं पूरी होंगी. शिव कृपा से आपके काम सिद्ध हो सकते हैं. उस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 05 बजकर 37 मिनट से लेकर शाम 07 बजकर 57 मिनट तक है. लेकिन प्रदोष वाले दिन पूरे समय पंचक लगा रहेगा, हालांकि उसका कोई असर शिव पूजा पर
रवि प्रदोष व्रत के दिन रुद्राभिषेक का संयोग
रवि प्रदोष वाले दिन रुद्राभिषेक का भी संयोग बन रहा है. 5 मई को शिववास नंदी पर सुबह से लेकर शाम 05:41 बजे तक है. उसके बाद शिववास भोजन में है. प्रदोष व्रत के दिन रुद्राभिषेक कराना अतिशुभ फलदायी हो सकता है. रुद्राभिषेक कराने पर शिव कृपा से इच्छित फल की प्राप्ति होती है.
प्रदोष व्रत करने के फायदे
प्रदोष व्रत करने से शिव जी की कृपा प्राप्त होती है. सभी प्रकार के दोष मिट जाते हैं. शिव जी के आशीर्वाद से धन, संपत्ति, यश, कीर्ति की प्राप्ति होती है. शनि प्रदोष का व्रत करने से पुत्र की प्राप्ति होती है.
.
Tags: Dharma Aastha, Lord Shiva, Religion
FIRST PUBLISHED : April 25, 2024, 15:08 IST